Pad parichay in hindi examples with explanation
Pad parichay in hindi examples with explanation
अगर रेखांकित शब्द किसी व्यक्ति,वस्तु,प्राणी,पक्षी,भाव,जाति आदि के बारे में बताता है तो वह शब्द संज्ञा है।
रेखांकित शब्द किसी संज्ञा के स्थान पर शब्द का प्रयोग जैसे मेरा,मै ,तुम ,आपका,उस,वह आदि शब्द
है तो वह शब्द सर्वनाम है।
अगर रेखांकित शब्द किसी वस्तु ,स्थान ,पशु, पक्षी आदि की विशेषता बताता है मतलब वह कैसा है-लंबा है ,सुंदर है , डरावना है आदि तो वह शब्द विशेषण है।
रेखांकित शब्द वाक्य में जो क्रिया है उसकी विशेषता बताता है तो वह क्रिया विशेषण है। जैसे कि – क्रिया कब हो रही है (कल , अभी ,दिनभर ) ,क्रिया कैसे हो रही है (चुपचाप,अवश्य,तेजी से ) , क्रिया कहाँ हो रही है (अंदर,ऊपर,आसपास ) , क्रिया कितनी मात्रा में हो रही है (कम ,पर्याप्त ,ज्यादा )
अगर रेखांकित शब्द किसी दो या अधिक संज्ञा और सर्वनाम के बीच का संबंध दर्शाता है तो वह संबंधबोधक अव्यय है। जैसे :- के पास , के ऊपर , से दूर , के कारण , के लिए , की ओर
रेखांकित शब्द किसी दो वाक्यों के बीच का संबंध दर्शाता है तो वह समुच्चयबोधक अव्यय है।
जैसे – और , अतएव , इसलिए , लेकिन
अगर रेखांकित शब्द किसी विस्मय , हर्ष , घृणा , दुःख , पीड़ा आदि भावो को प्रकट करते है तो वह विस्मयादिबोधक अव्यय है। जैसे – अरे ! , वाह ! , अच्छा ! आदि।
रेखांकित शब्द किसी बात पर ज्यादा भार दर्शाता है तो वह निपात है। जैसे :- भी , तो , तक , केवल , ही
हिंदी भाषा में कई शब्द ऐसे है जिसका प्रयोग अनेक शब्द-भेद (संज्ञा ,सर्वनाम,विशेषण आदि ) के रूप में किया जाता है। पद परिचय “कौन-सा शब्द है?” उस पर नहीं बल्कि वाक्य में शब्द कहाँ इस्तमाल हुआ है उस पर आधारित है। क्योंकि एक ही शब्द के अलग-अलग पद-परिचय हो सकते है।
उदाहरण
एक
मुझे एक पेन दो। (विशेषण)
एक को तो जाना पड़ेगा। (सर्वनाम )
एक तो जूथ बोलते हो और माफ़ी नहीं माँगते। (क्रिया-विशेषण )
अच्छा
अच्छो की मित्रता करनी चाहिए। (संज्ञा)
पार्थ अच्छा लड़का है। (विशेषण)
मुझे पहाड़ो में घूमने में अच्छा लगता है। (क्रिया-विशेषण )
क्या
बाज़ार से क्या लाना है ? (सर्वनाम)
तुम क्या चाहते है ? (क्रिया-विशेषण )
चाहे
चाहे तुम कुछ भी करो ,काम होना चाहिए। (समुच्चयबोधक )
मैं चाहे कुछ भी कर लू , मैं तुम्हे बुरी ही लगती हूँ। (क्रिया विशेषण )
आप
आप मत जाओ। (सर्वनाम (मध्यमपुरुष))
तुम आप ही काम करलो। (निजवाचक सर्वनाम )
कोई
कोई अंदर आ रहा है। (सर्वनाम )
काम करने के लिए कोई कामवाली चाहिए। (विशेषण )
कौन
कौन आया है ? (सर्वनाम )
कौन बच्चा शैतानी कर रहा है ? (विशेषण )
अवकाश में जाना कौन कठिन है ? (क्रिया-विशेषण )
कुछ
कुछ भी खा लो। (सर्वनाम )
मुझे कुछ लड़के चाहिए। (विशेषण )
कुछ खा लो। (क्रिया-विशेषण )
वह
वह घर मेरा है। (विशेषण )
वह मेरा घर है। (सर्वनाम )
रेखांकित पदों के पद परिचय बताईये।
१) आज समाज में विभीषणों की कमी नहीं है।
विभीषणों(देशद्रोहियो) – संज्ञा (जातिवाचक) , बहुवचन , पुल्लिंग , संबंध कारक (कारक ‘की’)
२) रात में देर तक बारिश होती रहीं।
देर तक – क्रिया-विशेषण (कालवाचक)
३) हर्षिता निबंध लिख रही है।
लिख रही है – क्रिया (संयुक्त) , स्त्रीलिंग , एकवचन , धातु ‘लिख’ , वर्तमान काल , क्रिया का कर्ता ‘हर्षिता’ , क्रिया का कर्म ‘निबंध’
४) इस पुस्तक में अनेक चित्र है ।
अनेक – विशेषण (अनिश्चित संख्यावाचक ) , बहुवचन , पुल्लिंग , विशेष्य ‘चित्र ‘
५) गांधीजी आजीवन मानवता की सेवा करते रहे ।
आजीवन – क्रिया-विशेषण (कालवाचक)
उदाहरण
अपने गाँव की मिट्टी छूने के लिए मै तरस गया ।
अपने – विशेषण ( सार्वनामिक ) , एकवचन , पुल्लिंग , विशेष्य ‘गाँव’
गाँव की – संज्ञा (जातिवाचक) , एकवचन , पुल्लिंग , संबंधकारक (कारक ‘की’)
मिट्टी – संज्ञा (द्रव्यवाचक)
मैं – सर्वनाम (उत्तम पुरुष ) , एकवचन , पुल्लिंग , ‘तरस गया’ क्रिया का कर्ता
तरस गया – क्रिया (अकर्मक , संयुक्त) , भूतकाल , एकवचन , पुल्लिंग , कर्तृवाच्य , कर्ता “मै”
निर्धन लोगो की ईमानदारी देखो ।
निर्धन – विशेषण (गुणवाचक) , बहुवचन , पुल्लिंग , विशेष्य ‘लोगो’
लोगो की – संज्ञा (जातिवाचक) , बहुवचन , पुल्लिंग , संबंध कारक (कारक ‘की’)
ईमानदारी – संज्ञा (भाववाचक) , कर्म कारक , ‘देखो ‘ क्रिया का कर्म
देखो – क्रिया (सकर्मक) , बहुवचन , धातु ‘देख’ , वर्तमानकाल , क्रिया का कर्म ‘ईमानदारी’
यह पुस्तक मेरे मित्र की है।
यह – विशेषण (सार्वनामिक) , एकवचन , स्त्रीलिंग ,विशेष्य ‘पुस्तक’
पुस्तक – संज्ञा (जातिवाचक ), एकवचन , स्त्रीलिंग , कर्म कारक , ‘है ‘ क्रिया का कर्म
मेरे – सर्वनाम (पुरुषवाचक – उत्तम पुरुष ) , पुल्लिंग , एकवचन , संबंधकारक
मित्र की – संज्ञा (जातिवाचक ), एकवचन , पुल्लिंग , संबंध कारक (कारक ‘की’) , ‘है ‘ क्रिया से संबंध
है – क्रिया , वर्तमानकाल , एकवचन
नेहा यहाँ इसी मकान में रहती है।
नेहा – संज्ञा (व्यक्तिवाचक संज्ञा) , स्त्रीलिंग ,एकवचन ,करता कारक , ‘नेहा’ रहना क्रिया की कर्ता है
यहाँ – क्रिया विशेषण (स्थानवाचक क्रिया विशेषण)
इसी – विशेषण (सार्वनामिक ) ,पुल्लिंग , एकवचन , विशेष्य – ‘मकान ‘
मकान में – संज्ञा (जातिवाचक ) ,पुल्लिंग ,एकवचन ,अधिकरण कारक (कारक ‘में’), मकान ‘रहना’ क्रिया का कर्म है
रहती है – क्रिया (सकर्मक ), स्त्रीलिंग ,एकवचन , अन्य पुरुष , वर्तमानकाल , कर्तृवाच्य , ‘रहती है ‘ क्रिया की कर्ता ‘नेहा ‘ और कर्म ‘मकान’ है
अरे वाह ! तुम भी पुस्तक पढ़ सकते हो।
अरे वाह ! – विस्मयादिबोधक , आश्चर्य का भाव
तुम – सर्वनाम (मध्यमपुरुष ), एकवचन , पुल्लिंग , कर्ताकारक , ‘पढ़ सकते हो ‘ क्रिया का कर्ता है
भी – निपात
पुस्तक – संज्ञा (जातिवाचक ) , स्त्रीलिंग , एकवचन , कर्मकारक , पुस्तक ‘पढ़ सकते हो’ क्रिया का कर्म है
पढ़ सकते हो – क्रिया ( सकर्मक ) , पुल्लिंग ,एकवचन , अन्य पुरुष , वर्तमानकाल , कर्तृवाच्य , क्रिया का कर्ता तुम व कर्म पुस्तक
शाम तक वर्षा हो सकती है।
शाम तक – क्रिया-विशेषण (कालवाचक) , हो सकती है क्रिया से संबंध
वर्षा – संज्ञा (जातिवाचक) , एकवचन , स्त्रीलिंग , अन्य पुरुष , कर्म कारक , ‘हो सकती है ‘ क्रिया का कर्म है
हो सकती है – क्रिया (सकर्मक ), स्त्रीलिंग , एकवचन , अन्य पुरुष , भविष्यकाल , कर्मवाच्य , क्रिया का कर्म ‘वर्षा ‘
मै क्रिकेट खेलता हूँ।
मै – सर्वनाम , (परुषवाचक – उत्तम पुरुष ), पुल्लिंग , एकवचन , कर्ता कारक , ‘खेलता हूँ ‘ क्रिया का कर्ता
क्रिकेट – संज्ञा , (जातिवाचक ) , एकवचन , पुल्लिंग , कर्म कारक , ‘खेलता हूँ ‘ क्रिया का कर्म
खेलता हूँ – क्रिया (सकर्मक ) , पुल्लिंग , एकवचन , उत्तम पुरुष , धातु – ‘खेल’ , वर्तमानकाल , कर्तृवाच्य , क्रिया का कर्ता ‘मै ‘, क्रिया का कर्म ‘क्रिकेट’
मयंक पतंग उड़ा रहा है।
मयंक – संज्ञा (व्यक्तिवाचक ) , पुल्लिंग , एकवचन , कर्ता कारक , ‘ उड़ा रहा है ‘ क्रिया से संबंध
पतंग – संज्ञा (जातिवाचक ), पुल्लिंग , एकवचन ,कर्म कारक ,’उड़ा रहा है ‘ क्रिया का कर्म
उड़ा रहा है – क्रिया(सयुंक्त क्रिया ) , एकवचन , पुल्लिंग , अन्य पुरुष ,’उड़ ‘ धातु , वर्तमानकाल , कर्तृ वाच्य , क्रिया का कर्ता ‘मयंक ‘ , क्रिया का कर्म ‘पतंग’
डाकिया पत्र लाता है।
डाकिया – संज्ञा(जातिवाचक ) , पुल्लिंग , एकवचन , कर्ता कारक , ‘लाता है ‘ क्रिया का कर्ता
पत्र – संज्ञा (जातिवाचक ) , पुल्लिंग , बहुवचन , कर्म कारक , ‘लाता है ‘ क्रिया का कर्म
लाता है – क्रिया(सकर्मक ) , पुल्लिंग , एकवचन ,अन्य पुरुष , ‘ला ‘ धातु , वर्तमानकाल , कर्तृ वाच्य , क्रिया का कर्ता ‘डाकिया ‘ , क्रिया का कर्म ‘पत्र ‘
यह उपहार मैं तुम्हें नहीं दे सकता हूँ।
यह – विशेषण (सार्वनामिक ) , एकवचन , पुल्लिंग , विशेष्य ‘उपहार ‘
उपहार – संज्ञा (व्यक्तिवाचक ) , पुल्लिंग , एकवचन , कर्म कारक , ‘ दे सकता हूँ ‘ क्रिया का कर्म
मैं – सर्वनाम (पुरुषवाचक – उत्तम पुरुष ) , पुल्लिंग , एकवचन , कर्ता कारक , ‘दे सकता हूँ’ क्रिया का कर्ता
तुम्हें – सर्वनाम (पुरुषवाचक – मध्यम पुरुष ) , पुल्लिंग , एकवचन , कर्म कारक , ‘दे सकता हूँ ‘ क्रिया का कर्म
नहीं – क्रिया-विशेषण (नकारात्मक ) , ‘दे सकता हूँ ‘ क्रिया से संबंध
दे सकता हूँ – क्रिया (सयुंक्त क्रिया ) , पुल्लिंग , एकवचन , उत्तम पुरुष , वर्तमानकाल , कर्तृ वाच्य , क्रिया का कर्ता ‘मैं ‘ , क्रिया का कर्म ‘उपहार ‘
उपवन में सुंदर फूल खिले है।
उपवन में – संज्ञा (जातिवाचक) , पुल्लिंग , एकवचन , अधिकरण कारक (कारक ‘में ‘) , ‘खिले है’ क्रिया का कर्म
सुंदर – विशेषण (गुणवाचक) , मूलावस्था ,पुल्लिंग , बहुवचन , विशेष्य ‘फूल ‘
फूल – संज्ञा (जातिवाचक) , पुल्लिंग , बहुवचन , कर्ता कारक , ‘खिले है ‘ क्रिया का कर्ता
खिले है – क्रिया(अकर्मक) , पुल्लिंग , बहुवचन , अन्य पुरुष , धातु ‘खिल’ , वर्तमानकाल , कर्तृ वाच्य , क्रिया का कर्ता ‘फूल’
पल्ल्वी प्रतिदिन पार्क में जाती है।
पल्ल्वी – संज्ञा(व्यक्तिवाचक ) , स्त्रीलिंग , एकवचन , कर्ता कारक , ‘जाती है ‘ क्रिया का कर्ता
प्रतिदिन – क्रियाविशेषण (कालवाचक ) , ‘जाती है ‘ क्रिया से संबंध
पार्क में – संज्ञा (जातिवाचक ) , पुल्लिंग , एकवचन ,अधिकरण कारक , ‘जाती है’ क्रिया का कर्म
जाती है – क्रिया (अकर्मक ) , स्त्रीलिंग , एकवचन , अन्य पुरुष , धातु ‘जा’ , वर्तमानकाल , कर्तृ वाच्य , क्रिया का कर्ता ‘पल्ल्वी’
छोटा बच्चा धीरे-धीरे चलता है।
छोटा – विशेषण (गुणवाचक ) , मूलावस्था , पुल्लिंग , एकवचन , विशेष्य ‘बच्चा ‘
बच्चा – संज्ञा (जातिवाचक ) , पुल्लिंग , एकवचन , कर्ता कारक , ‘ चलता है’ क्रिया का कर्ता
धीरे-धीरे – क्रिया-विशेषण (रीतिवाचक ), ‘चलता है ‘ क्रिया से संबंध
चलता है – क्रिया (अकर्मक ) , पुल्लिंग , एकवचन , अन्य पुरुष , धातु ‘चल ‘ , वर्तमान काल , कर्तृ वाच्य , क्रिया का कर्ता ‘बच्चा’
धीरे-धीरे प्रभात होने लगा।
धीरे-धीरे – क्रियाविशेषण (रीतिवाचक ) , ‘होने लगा ‘ क्रिया से संबंध
प्रभात – संज्ञा (जातिवाचक) , पुल्लिंग , एकवचन , कर्ता कारक , ‘होने लगा ‘ क्रिया का कर्म
होने लगा – क्रिया (सयुंक्त क्रिया ) , पुल्लिंग , एकवचन , अन्य पुरुष , वर्तमान काल , कर्म वाच्य , क्रिया का ‘प्रभात ‘
परिश्रम के बिना सफलता नहीं मिलती है।
परिश्रम – संज्ञा (भाववाचक ) , पुल्लिंग , एकवचन , करण कारक , ‘मिलती है’ क्रिया का कर्म
के बिना – संबंधबोधक अव्यय
सफलता – संज्ञा (भाववाचक) , स्त्रीलिंग , एकवचन , कर्ता कारक , ‘मिलती है’ क्रिया का कर्म
नहीं – क्रिया-विशेषण (नकारात्मक )
मिलती है – क्रिया (सकर्मक) , स्त्रीलिंग , एकवचन , अन्य पुरुष , धातु ‘मिल’ , वर्तमान काल , कर्म वाचक , क्रिया का कर्म ‘सफलता’
ताजमहल का सौन्दर्य अदभुत है।
ताजमहल का – संज्ञा (व्यक्तिवाचक) , पुल्लिंग , एकवचन , संबंध कारक (कारक ‘का’) ,’है ‘ क्रिया का कर्ता
सौन्दर्य – संज्ञा (भाववाचक ) , पुल्लिंग , एकवचन
अदभुत – विशेषण (गुणवाचक ) , मूलावस्था , पुल्लिंग , एकवचन , विशेष्य ‘सौंदर्य’
है – क्रिया (अकर्मक ) , पुल्लिंग , एकवचन , अन्य पुरुष , वर्तमान काल , कर्तृ वाच्य , क्रिया का कर्ता ‘ताजमहल’
बालक खेलता है।
बालक – संज्ञा (जातिवाचक ) , एकवचन , पुल्लिंग , कर्ताकारक , ‘खेलता है ‘ क्रिया का कर्ता
खेलता है – क्रिया (अकर्मक ) , एकवचन , पुल्लिंग , धातु ‘खेल ‘, कर्तृ वाच्य , वर्तमान काल , क्रिया का कर्ता ‘बालक ‘
आसमान में तारे टिमटिमाते है।
आसमान में – संज्ञा (जातिवाचक ) , एकवचन , पुल्लिंग , अधिकरण कारक (कारक ‘में ‘)
तारे – संज्ञा (जातिवाचक ) , बहुवचन , पुल्लिंग ,कर्ताकारक , ‘टिमटिमाते है ‘ क्रिया का कर्ता
टिमटिमाते है – क्रिया (अकर्मक) , बहुवचन , पुल्लिंग , वर्तमान काल , कर्तृ वाच्य, क्रिया का कर्ता ‘तारे’
आजकल बीमारी की वजह से सब लोग बहुत परेशान है।
आजकल – क्रिया विशेषण (कालवाचक)
बीमारी की – संज्ञा (भाववाचक संज्ञा) , एकवचन , स्त्रीलिंग , संबंध कारक (कारक ‘की ‘)
सब – विशेषण (अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण ) , बहुवचन , विशेष्य ‘लोग’
लोग – संज्ञा (जातिवाचक ) , बहुवचन , पुल्लिंग , कर्ता कारक , ‘है ‘ क्रिया का कर्ता
बहुत – प्रविशेषण
परेशान – विशेषण (गुणवाचक ) , पुल्लिंग , विशेष्य ‘लोग ‘
हैं – क्रिया (अकर्मक ) ,बहुवचन ,वर्तमान काल , कर्तृ वाच्य , क्रिया का कर्ता ‘लोग ‘
रंगबिरंगी तितलियाँ उड़ रही है।
रंगबिरंगी – विशेषण (गुणवाचक ) , स्त्रीलिंग , बहुवचन , विशेष्य ‘तितलियाँ ‘
तितलियाँ – संज्ञा (जातिवाचक ) , बहुवचन , स्त्रीलिंग , कर्ता कारक , ‘उड़ रही है ‘ क्रिया का कर्ता
उड़ रही है – क्रिया (संयुक्त ) , बहुवचन , स्त्रीलिंग , धातु ‘उड़ ‘ , वर्तमानकाल , कर्तृ वाच्य , क्रिया का कर्ता ‘तितलियाँ ‘
रानी को पुरस्कार मिला।
रानी को – संज्ञा (व्यक्तिवाचक ) , एकवचन , स्त्रीलिंग , कर्मकारक
पुरस्कार – संज्ञा (जातिवाचक ) , एकवचन , पुल्लिंग , कर्मकारक , ‘मिला ‘ क्रिया का कर्म
मिला – क्रिया (सकर्मक ) , एकवचन , पुल्लिंग , भूतकाल , कर्म वाच्य ,क्रिया का कर्म ‘पुरस्कार ‘
सरिता मेरी बहन है।
सरिता – संज्ञा (व्यक्तिवाचक ) , एकवचन , स्त्रीलिंग , कर्ताकारक , ‘है ‘ क्रिया का कर्ता
मेरी – सर्वनाम(पुरुषवाचक – उत्तम) , एकवचन , स्त्रीलिंग , संबंध कारक
बहन – संज्ञा (जातिवाचक ) , एकवचन , स्त्रीलिंग
है – क्रिया , एकवचन , वर्तमान काल ,कर्तृ वाच्य , क्रिया का कर्ता ‘सरिता ‘
Comments
Post a Comment